Introduction to Chapter 1: मातृभूमि (कविता)

The first chapter of the Class 6 Hindi NCERT textbook features the poem ‘मातृभूमि’ by सोहनलाल द्विवेदी. This captivating piece illustrates the profound bond between individuals and their motherland. As students explore this chapter, they will delve into the rich themes of patriotism and love for one’s country.

YouTube Video NCERT Solution

To provide a comprehensive understanding of the poem, we have included a YouTube video NCERT solution. This video breaks down the poem’s themes, poetic devices, and overall message, equipping students with essential insights. We encourage all learners to watch this video for an enhanced learning experience.

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For direct access to the text of ‘मातृभूमि,’ a free PDF is available from the NCERT official website. Students can download the material here. This PDF serves as an invaluable resource, providing versatility in studying the chapter. Whether you prefer reading from a screen or paper, the PDF format accommodates all preferences.

In conclusion, the Class 6 Hindi NCERT solutions for Chapter 1 serve to deepen students’ understanding of the poem ‘मातृभूमि’. With the additional support of the YouTube video and PDF download, learners are well-equipped to appreciate the beauty and significance of this literary work.

NCERT Solutions

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए:-
(1) हिंद महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?

  • चरण
  • वंशी
  • हिमालय
  • सिंधु

उत्तर: सिंधु

(2) मातृभूमि कविता में मुख्य रूप से –

  • भारत की प्रशंसा की गई है।
  • भारत के महापुरुषों की जय की गई है।
  • भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।
  • भारतवासियों की वीरता का बखान किया गया है।

उत्तर: भारत की प्रशंसा की गई है।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर: (1) हिंद महासागर का प्राचीन नाम ‘सिंधु महासागर’ था जो प्राचीन भारतीयों द्वारा रखा गया था। भारत के नाम पर इस सागर का नाम ‘हिंद महासागर’ रखा गया। कविता में सोहनलाल द्विवेदी ने हिंद महासागर से अपनत्व के कारण इसे सिंधु नाम से पुकारा इसलिए ‘सिंधु’ शब्द का विकल्प, चयन करना उचित होगा। (2) ‘मातृभूमि’ कविता में कवि सोहनलाल जी ने भारत के पर्वतों, नदियों, वृक्षों, मलय, पवन, घनी अमराइयों आदि की चर्चा अधिक की है इसलिए भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है। विकल्प का चयन उचित है।

मिलकर करें मिलान

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए- “वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी। वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी । ”
उत्तर: कवि ने भारत को ‘युद्ध भूमि मेरी’ कहा क्योंकि भारत की भूमि सदा संघर्ष की भूमि रही है यह हमें हर तरह के अभाव, अज्ञान और दुख से लड़ना सिखाती है। भारत पर कितने ही शासकों ने शासन किया लेकिन भारतीयों ने अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर आँच नहीं आने दी। कवि ने भारत को बुद्धभूमि कहा क्योंकि महात्मा बुद्ध ने भारतीयों को प्रेम, दया एवं अहिंसा का संदेश दिया ताकि भारत में अखंडता रहे। आत्मसम्मान व आंतरिक लगाव के कारण कवि इसे मातृभूमि की संज्ञा देता है। अंत में कवि ने इस पावन धरती को जन्मभूमि कहा क्योंकि वह इसी धरती पर जन्मा है और उसे भारत की गौरवमयी धरती पर जन्म लेने पर अत्यधिक गर्व है।

सोच-विचार के लिए

(क) कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
1. कोयल कहाँ रहती है?
उत्तर: कोयल अमराइयों में रहती है।

2. तन-मन कौन सँवारती है?
उत्तर: बहती मलय पवन हमारा तन-मन सँवारती है।

3. झरने कहाँ से झरते हैं?
उत्तर: झरने पहाड़ियों से झरते हैं।

4. श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने मधुर बाँसुरी बजाकर सबका मन मोह लिया और गीता का संदेश भी दिया।

5. गौतम ने किस का यश बढ़ाया?
उत्तर: गौतम ने भारत का यश बढ़ाया पूरे संसार को अहिंसा दया और करुणा का संदेश दिया। प्राणी जगत में सभी से प्रेम करो, संदेश दिया।

(ख) “नदियाँ लहर रही हैं
पग-पग छहर रही हैं”
‘लहर’ का अर्थ होता है- पानी का हिलोरा, मौज, उमंग, वेग, जोश।
‘छहर’ का अर्थ होता है- बिखरना, छितराना, छिटकना फैलना।
कविता पढ़कर पता लगाइए और लिखिए-
• कहाँ-कहाँ छटा छहर रही हैं? उत्तर: नदियों के किनारों पर नदी में तेज लहर आने पर जल दूर-दूर तक फैल जाता है और नदी तेज़ वेग में हिलोरे लेकर आगे बढ़ती है। • किसका पानी लहर रहा है? उत्तर: गंगा, यमुना और त्रिवेणी (गंगा, यमुना एवं सरस्वती का संगम स्थल) में पानी हिलोरे लेकर उमंग, जोश एवं मस्ती से आगे बढ़ता है।

कविता की रचना

“गंगा यमुन त्रिवेणी
नदियाँ लहर रही हैं”

यमुन’ शब्द यहाँ ‘यमुना’ नंदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इस प्रकार से शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं। यदि आप कविता को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी। आपको जो विशेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिखिए। जैसे सबसे ऊपर इस कविता का एक शीर्षक है।
उत्तर: यहाँ ‘यमुन’ शब्द यमुना नदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य बढ़ाने के लिए शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं।

  • सिंधु झूमता
  • नीचे चरण तले झुक
  • नदियाँ लहर रही हैं।
  • झरने अनेक झरते
  • युध – भूमि मेरी
  • बुद्धभूमि मेरी

मिलान

स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए-

अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) “अमराइयाँ घनी है
कोयल पुकारती है” कोयल क्यों पुकार रही होगी? किसे पुकार रही होगी? कैसे पुकार रही होगी?
उत्तर: आम के बागों में बौर आने पर उसकी महक से मदमस्त होकर कोयल अपने प्रिय साथी को पुकार रही है। वह अपनी मधुर आवाज़ में उसे कूक – कूक कर रही है।

(ख) “बहती मलय पवन है,
तन-मन सँवारती है’ पवन किसका तन-मन सँवारती है? वह यह कैसे करती है?
उत्तर: मलय पर्वत से आने वाली चंदन की सुगंध से युक्त पवन हम सभी भारतवासियों के तन-मन को सँवारती है। वह अपनी चंदन युक्त महक से पूरे प्राणिजगत को प्रसन्न कर देती है।

शब्दों के रूप

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हो।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-
” जगमग छटा निराली
पग-पग छहर रही हैं”
इन पंक्तियों में ‘पग’ शब्द दो बार आया है। इसका अर्थ है- ‘हर पग’ या ‘हर कदम’ पर।
शब्दों के ऐसे ही कुछ जोड़े नीचे दिए गए हैं। इनके अर्थ लिखिए-

(ख) “वह युद्ध – भूमि मेरी
वह बुद्ध-भूमि मेरी”
– कविता में ‘भूमि’ शब्द में अलग-अलग शब्द जोड़कर नए-नए शब्द बनाए गए हैं। आप भी कुछ नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ पता कीजिए-
(संकेत-तप, देव, भारत, जन्म, कर्म, कर्तव्य, मरु, मलय, मल्ल, यज्ञ, रंग, रण सिद्ध आदि )

थोड़ा भिन्न, थोड़ा समान

नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-

“जग को दया सिखाई,
जग को दिया दिखाया । ”

‘दया’ और ‘दिया’ में केवल एक मात्रा का अंतर है, लेकिन इस एक मात्रा के कारण शब्द का अर्थ पूरी तरह बदल गया है। ऐसे ही शब्दों की सूची बनाइए जिनमें एक मात्रा का अंतर हो-
उत्तर: शब्द-सूची – मेल – मैल, बेर-बैर, हेय-हया, मैं-मैं, चेन-चैन, बेल-बैल, चिर- चीर, माला – माली, लाल-लाली, कल-कली, गीत – गीता, नम- नीम, नर-नारी, काल-काली, कैद-कैदी, सेब – सब, कला – केला, सेब – सब, तेल – तल, कमल-कोमल, बल-बाल, नाक-नोंक, सोना-सेना, ओर और, कर-कार।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) इस कविता में भारत का सुंदर वर्णन किया गया है। आप भारत के किस स्थान पर रहते हैं? वह स्थान आपको कैसा लगता है? उस स्थान की विशेषताएँ बताइए। (संकेत— प्रकृति, खान-पान, जलवायु, प्रसिद्ध स्थान आदि)
उत्तर: मैं भारत के राजस्थान राज्य में रहता हूँ। यहाँ की मरुस्थलीय सुंदरता और रेत के टीलों की अद्भुत छटा देखते ही बनती है। यहाँ का खान-पान मुख्यतः दाल-बाटी-चूरमा और गट्टे की सब्जी है। राजस्थान का जलवायु गर्मी में बहुत तप्त और सर्दियों में ठंडी रहती है। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध स्थान जयपुर का हवा महल और जैसलमेर का सोनार किला है।

(ख) अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के बारे में लिखिए। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं?
उत्तर: मेरे मित्र का नाम वैभव है। उसकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह हमेशा हर किसी की मदद करने को तैयार रहता है। वह पढ़ाई में बहुत होशियार है और हर मुश्किल विषय को आसानी से समझा लेता है।